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स्कॉर्पियो ने मारी टक्कर,घायलों का आरोप,पुलिस अधिकारी का वाहन था
विदिशा,एमपी मीडिया पॉइंट
सिरोंज कुरवाई बायपास चौराहे पर रविवार को एक स्कॉर्पियो ने मोटर साइकिल को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में मोटरसाइकिल चालक सहित तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को पहले एक अस्पताल पहुंचाया जहां से दो लोगों को भोपाल रेफर कर दिया गया। घायलों ने आरोप लगाया कि जिस वाहन ने टक्कर मारी वह पुलिस अधिकारी का था। घटना दोपहर करीब तीन बजे की है। मुबारकपुर निवासी खालिदा ने बताया कि वह अपने गांव से अपनी बड़ी लड़की के लिए कुरवाई के भौरासां लड़का देखने जा रहे थे। उनके साथ नयापुरा निवासी जुबेर, 11 वर्षीय अमरीन और 20 वर्षीय मुजलिम भी मौजूद था। तभी चौराहा पर सामने से आ रही सफेद रंगी की गाड़ी ने टक्कर मार दी। वे सड़क पर घायल पड़े रहे इसके बाद पुलिस पहुंची और अस्पताल पहुंचाया। यहां से गुजर रहे पुलिस के वाहन द्वारा पुलिस को सूचना दी गई थी जिसपर मौके पर थाना प्रभारी योगेन्द्र दांगी पुलिस बल के साथ पहुंचे और घायलों को उपचार के लिए पहले शासकीय राजीव गांधी स्मृति अस्पताल लाए इसके बाद एक निजी अस्पताल पहुंचे यहां उपचार के बाद अमरीन एवं मुजमिल को गंभीर घायल होने पर भोपाल रेफर कर दिया गया। वही खालिदा बी एवं जुबेर भी घायल हुए जिनका उपचार स्थानीय अस्पताल में ही चल रहा है।
भोपाल साथ गए पुलिस जवान
घायल हुऐ लोगों के रिश्तेदार गुलफान ने बताया कि एक पुलिस अधिकारी के वाहन ने टक्कर मारी, लेकिन वह घायल की मदद करने के वजाह वहां से निकल गया। पुलिस वाहन घायलों का ईलाज कराने के लिए मौके पर रुका तक नहीं। बताया जा रहा है कि अमरीन के मुंह में चोटे आई हैं और मोटरसाइकिल चालक मुजमिल के सिर व पैर में चोट आई हैं। इधर पुलिस टक्कर मारने वाले वाहन की जानकारी देने से बचती हुई नजर आई। पहली बार दुर्घटना में कोई घायल का उपचार पुलिस ने निजी अस्पताल में कराने के बाद परिजनों की मांग पर भोपाल रेफर किया और एंबुलेंस में पुलिस जवानों को साथ भेजा। टीआइ योगेंद्र दांगी का कहना है कि वाहन कौन था उसकी जांच की जाएगी। घायलों को इलाज के लिए भोपाल रेफर किया है।
निजी अस्पताल प्रबंधन पर भड़के परिजन
लिंकरोड स्थित एक निजी अस्पताल में डॉक्टर परिजनों से पहले तो वाहन चालक मुजमिल के सिर्फ सिर में चोट आने की बात कहते रहे। बाद में पैर भी फे्रक्चर होने की बात कहने लगे। उसके बाद परिजन प्रबंधन पर भड़क गए। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने पहले सिर की चोट के बारे में बताया लेकिन पैर की चोट की बात छिपाई, वहीं पुलिस भी ये नहीं बता रही कि टक्कर मारने वाला वाहन कौन सा था।