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सीहोर जिले की खास खबरें : निर्वाचन कार्य के लिए हिदायतें जारी… मौसम के मुताबिक़ स्वास्थ्य विभाग ने भी खोला मूंह
मिलाजुला - पन्ना

सीहोर जिले की खास खबरें,
निर्वाचन कार्य के लिए हिदायतें जारी…
मौसम के मुताबिक़ स्वास्थ्य विभाग ने भी खोला मूंह
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शासकीय कर्मचारियों की कमी पर संविदा कर्मियों को मतदान दल में किया जा सकेगा शामिल
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने बताया है कि यदि जिले में राज्य शासन के कर्मचारियों से मतदान दलों की पूर्ति नहीं हो पा रही हो तो अपवाद स्वरूप केन्द्र शासन, बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों, अधिकारियों को मतदान दलों में सम्मिलित किया जा सकता है। शासकीय कर्मचारियों की कमी होने की स्थिति में मतदान दलों में 3 वर्ष से अधिक सेवा पूरी करने वाले संविदा कर्मियों को भी सम्मिलित किया जा सकेगा।
संविदाकर्मी को पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी क्रं 1 पद पर नियुक्त न करें, क्योंकि पीठासीन अधिकारी की अनुपस्थिति में मतदान अधिकारी क्रं. 1 ही पीठासीन अधिकारियों के दायित्वों की पूर्ति करता है। संविदा कर्मियों को मतदान अधिकारी क्रमांक 2 तथा 3 एवं 4 के पद पर मतदान दल में सम्मिलित किया जा सकता है। यदि पुरुष कर्मचारियों की कमी की वजह से महिला कर्मचारी की नियुक्ति करना आवश्यक हो तो कम से कम 2 महिला कर्मचारियों को मतदान दल में रखा जाए। महिला मतदान अधिकारी की ड्यूटी उसी विकासखण्ड में लगायी जाये, जिसमें वह कार्यरत है। ऐसी महिला मतदान अधिकारी को मतदान की पूर्व संध्या से ही मतदान केन्द्र में उपस्थित रहने की अनिवार्यता से छूट देते हुए मतदान प्रारंभ होने के 1 घंटा पूर्व मतदान केन्द्र पर उपस्थित होने की अनुमति दी जाये।
अत्यावश्यक सेवाओं जैसे लोक-स्वास्थ्य, जल-प्रदाय, परिवहन, दुग्ध-प्रदाय, वाणिज्यिक कर, आबकारी पंजीयन एवं मुद्रांक तथा विद्युत प्रदाय में संलग्न फील्ड स्तर के अधिकारियों, कर्मचारियों को मतदान दलों में सम्मिलित नहीं किया जाये। इन विभागों के उन कर्मचारियों की निर्वाचन में ड्यूटी लगायी जा सकती है, जो कार्यालय में कार्य करते हैं। न्यायिक सेवा के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त रखा गया है। अत: उनकी ड्यूटी निर्वाचन में नहीं लगायी जाये। किसी विकासखंड में पदस्थ किसी अधिकारी, कर्मचारी को उसी विकासखंड के किसी मतदान केन्द्र पर पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के तौर पर नियुक्त न किया जाये। कोई भी अधिकारी, कर्मचारी जो किसी विकासखंड का मूल निवासी हो उसे, उस विकासखंड में आने वाले किसी मतदान केन्द्र में पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के रूप में नियुक्त न किया जाये।
श्री सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवानिवृत्ति में 6 माह या उससे कम समयावधि शेष हो, उन्हें मतदान दल में शामिल नहीं किया जाये। ऐसे कर्मचारियों से निर्वाचन सम्बंधी अन्य कार्य कराये जा सकते हैं। दिव्यांग, नि:शक्त कर्मचारियों को मतदान दल में शामिल न किया जाये। ऐसे कर्मचारियों से निर्वाचन संबंधी अन्य कार्य कराया जा सकता है। निर्वाचन के पश्चात प्रत्येक मतदान केन्द्र पर ही पंच, सरपंच पद के मतों की गणना का कार्य “आपवादिक मामलों को छोड़ कर” किया जायेगा। यह कार्य पीठासीन अधिकारी के पर्यवेक्षण तथा निर्देशन में मतदान अधिकारियों द्वारा किया जायेगा। पीठासीन अधिकारी का चयन वरिष्ठता और अनुभव को ध्यान में रखते हुए सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए, ताकि वह मतदान तथा मतगणना के समय महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य को निर्भीकता, विश्वास और दक्षता के साथ सम्पन्न कर सके। यदि जिलों में मतदान दल की कमी हो तो जिले के कलेक्टर अपने संभागीय आयुक्त से समीप के जिलों से मतदान दल उपलब्ध कराने के लिए निवेदन कर आयोग को सूचित कर सकते हैं।
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ईव्हीएम से मतदान प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रसार करें: राज्य निर्वाचन आयुक्त
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए ईव्हीएम से मतदान प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावी एवं परिणामोन्मुखी बनाने के उद्देय से मतदान के लिये आयोग द्वारा निर्धारित की गई व्यवस्थाओं से जन-सामान्य, जन-प्रतिनिधियों एवं अभ्यर्थियों को भलीभाँति परिचित कराया जाना अत्यंत आवश्यक है। नगरीय निकाय आम निर्वाचन-2022 में नगरपालिका परिषदों एवं नगर परिषदों के पार्षद पदों के लिये ईव्हीएम से वोट डाले जायेंगे।
श्री सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों में हाट-बाजारों, मेलों, महाविद्यालयों, भीड-भाड़ वाले क्षेत्रों, आँगनवाड़ियों एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर जाँच एवं परीक्षण के बाद अभिप्रमाणित ईव्हीएम का विधिवत प्रदर्शन किया जाये। ईव्हीएम की कार्य-प्रणाली एवं संचालन की प्रक्रिया भी विस्तार से समझाई जाये। इस कार्यवाही के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की उपस्थिति तथा कार्यवाही का अभिलेखीकरण भी सुनिश्चित किया जाये।
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राज्य निर्वाचन आयोग के आँख और कान हैं प्रेक्षक
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि निर्वाचन प्रेक्षक राज्य निर्वाचन आयोग के ऑंख और कान की भूमिका का निर्वहन करते हैं। प्रेक्षकों से आयोग को वस्तु स्थिति की जानकारी मिलती है। श्री सिंह निर्वाचन प्रेक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
श्री सिंह ने प्रेक्षकों से कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया के हर स्तर पर नजर रखें। यह सुनिश्चित करें कि आयोग के निर्देशानुसर कार्यवाही हो। उन्होंने कहा कि मतगणना स्थल और स्ट्रांग रूम की आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा कर लें। कहीं कोई सामस्या हो तो आयोग को अवगत करावें।
राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर से.नि. आईएएस डी.पी. तिवारी ने चुनाव के दौरान प्रेक्षकों की भूमिका के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों का दायित्व है कि निर्वाचन शांतिपूर्ण और भय, दबाव एवं प्रलोभन से मुक्त वातावरण में हो। यह देखें कि जिले में आदर्श आचरण संहिता का पालन समुचित रूप से सुनिश्चित हो। मतदाताओं को बेहचक अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करायें। मतदान केन्द्रों का आकस्मिक भ्रमण करें। निर्वाचन कार्य में लगने वाले प्रपत्रों एवं अन्य निर्वाचन सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा कर लें। आयोग को समय पर ऑनलाइन रिपोर्ट भेजें। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले में निर्वाचन प्रेक्षक नियुक्त किये गए है। सेवानिवृत्त आईएएस/राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रेक्षक नियुक्त किया गया है। सीहोर में प्रदीप खरे को निर्वाचन प्रेक्षक बनाया गया है।
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अभ्यर्थी के आपराधिक पूर्ववृत्त,आस्तियों, दायित्वों की जानकारी का सार्वजनिक प्रदर्शन, नामनिर्देशन पत्र के मामले में व्यवस्था
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों के आम निर्वाचन वर्ष 2022 का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसार निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन और नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करना, स्थानों (सीटों) के आरक्षण के संबंध में सूचना का प्रकाशन तथा मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन 11 जून 2022 को प्रात: 10.30 बजे से, नाम-निर्देशन प्राप्त किये जाएगें। नामनिर्देशन-पत्र प्ररूप-3 में प्राप्त किये जाएगें। नामनिर्देशन-पत्र के साथ अभ्यर्थी को निक्षेप् राशि जमा कराना होगी निक्षेप राशि नगरपालिका परिषद के पार्षद पद के लिए 3 हजार रूपये और नगर परिषद के पार्षद पद के लिए एक हजार रूपये जमा करना अनिवार्य होगा तथा अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति,अन्य पिछडा वर्ग एवं महिला अभ्यर्थी के मामले में निक्षेप राशि का आधा भाग ही जमा करना होगा।
नामनिर्देशन पत्र के साथ अभ्यर्थी को निर्धारित प्ररूप में शपथ-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। शापथ-पत्र में प्रत्येक अभ्यर्थी के आपराधिक पूर्ववृत्त,आस्तियों, दायित्वों तथा शैक्षणिक अर्हता की घोषण करनी होगी। रिटर्रिग ऑफिसर द्वारा इस की जानकारी का सार्वजनिक प्रदर्शान अपने कार्यालय के सूचना पटन पर किया जायेगा। नगरीय निकायों के निर्वाचन में “नोटा” इनमें से कोई नहीं का विकल्प मतदाताओं को उपलब्ध रहगा। और निटर्निग ऑफिसर के कक्ष में नामनिर्देशन प्रस्तुत किये जाने के दौरा अभ्यर्थी के साथ अधितम 3 व्यक्ति प्रवेश कर सकते है। मतदान केन्द्रों पर नियोजित किये जाने के लिए डाटाबेस तैयार कर लिया गया है। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर एक पीठासीन अधिकारी एवं तीन मतदान अधिकारी नियुक्ति किये जायेगें। 1200 से अधिक वाले मतदान संख्या वाले मतदान केन्द्रों पर एक अतिरिक्त मतदान कर्मी की नियुक्ति की जायेगी। मतदान कर्मियों के तीसरे रेण्डमाईजेशन का समय मतदान प्रारंभ होने के 24 घन्टे पूर्व किया जायेगा।
निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों के आम निर्वाचन में पर्षद पर के लिए निर्वाचन व्यय लेखा संधारण का प्रावधान प्रथम बार किया गया है। पार्षाद पद के लिए निर्वाचन व्यय सीमा जनगणना-2011 की जनसंख्या के अन्तर्गत नगर पालिका परिषद जनसंख्या एक लाख से अधिकतम सीमा 2.5 लाख तथा 50 हजार से एक लाख जनसंख्या तक रूपये 1.5 लाख और 50 हजार से कम जनसंख्या पर रूपये एक लाख तथा नगर परिषद के लिए 75 हजार रूपये निर्धारित की गई है।
निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन में पार्षद पदों के लिए मतपत्रों का भी निर्धारित किया गया है। इनमें नगरपालिका परिषद के पार्षद पद के लिए पीला रंक का, और नगर परिषद के पार्षद पद के लिए नीला रंक का मतपत्र होगा। मतदान का समय प्रात:7 बजे से सायं 5 बजे तक होगा मतदान के लिए मतदाता को आयोग द्वारा विहित 20 पहचान पत्रों में से कोई एक पहचान पत्र साथ में लाना अनिर्वाय होगा। नगरीय निकायों के अभ्यर्थी के नामनिर्देशन के लिए Olin (online Nomination) की वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अभ्यर्थी स्वयं लेपटॉप, डेस्कटज्ञॅप से या सायबर कैफे mp-online कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अपना नामनिर्देश पत्र भर सकता है। Olin के माध्यम से भरे गये नामनिर्देश पत्र की हार्डकॉपी निर्धारित समयावधि में रिटन्रिग ऑफिसर के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
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आदर्श आचरण संहिता जरूरत पड़ने पर सख्ती से लागू करें-आयोग
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
आदर्श आचरण संहिता का गंभीरता से अध्ययन कर लें। समझाइस और जरूरत पड़ने पर सख्ती से आदर्श आचरण संहिता लागू करें। विशेष प्रकरणों में अनुमति का प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजें। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने यह निर्देश पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर और एसपी को दिये। श्री सिंह ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन कराने के लिये समुचित व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें। श्री सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से समीक्षा की। नगरीय निकाय निर्वाचन के लिये नाम निर्देशन-पत्र ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन भी भरे जा सकते हैं। श्री सिंह ने बताया कि 18 जुलाई को पूरे प्रदेश में आदर्श आचरण संहिता समाप्त हो जाएगी।
दो चरणों में होंगे नगरीय निकाय निर्वाचन
आयुक्त श्री सिंह ने बताया कि दो चरणों में नगरीय निकायों का निर्वाचन किया जाएगा। निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन और नाम निर्देशन-पत्र लेने का कार्य 11 जून से शुरू होगा। नाम निर्देशन-पत्र 18 जून तक लिये जाएंगे। संवीक्षा 20 जून को होगी और अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 जून है। इसी दिन निर्वाचन प्रतीकों का आवंटन होगा। प्रथम चरण का मतदान 6 जुलाई को और द्वितीय चरण का मतदान 13 जुलाई को सुबह 7 से शाम 5 बजे तक होगा। प्रथम चरण की मतगणना और परिणामों की घोषणा 17 जुलाई को, दूसरे चरण की मतगणना और परिणामों की घोषणा 18 जुलाई को सुबह 9 बजे से होगी। मतदान ईव्हीएम के माध्यम से होगा। श्री सिंह ने बताया कि 49 जिलों में निर्वाचन प्रक्रिया होगी। तीन जिले अलीराजपुर, मण्डला और डिण्डौरी का कार्यकाल पूरा नहीं होने से यहाँ निर्वाचन प्रस्तावित नहीं है। पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय लेखा का प्रावधान पहली बार किया गया है। पेड न्यूज की रोकथाम के लिये जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटियों का गठन और बैठक कराना सुनिश्चित करें। अभ्यर्थियों से एक महीने में लेखा व्यय जरूर ले लें।
श्री सिंह ने कहा कि स्टेंडिंग कमेटी की बैठक समय-समय पर जरूर करें। ईव्हीएम स्ट्राँग रूम की सुरक्षा, सीसीटीव्ही निगरानी आदि के संबंध में राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को पूरी जानकारी दें। शस्त्र लायसेंस निलंबन, सम्पत्ति विरूपण, कोलाहल नियंत्रण और सीआरपीसी के अंतर्गत प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करें। धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर उसका पालन सुनिश्चित करायें। अवैध शराब जब्ती की कार्यवाही प्रभावी ढंग से करें।
कलेक्टर, एसपी एक साथ भ्रमण करें
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह ने कहा कि वल्नरेवल क्षेत्र में कलेक्टर और एसपी साथ में भ्रमण करें, जिससे मतदाताओं में शांतिपूर्ण मतदान के प्रति विश्वास पैदा हो। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित करें। निर्वाचन क्षेत्र में रैली, जुलूस, सभा आदि का आयोजन सक्षम प्राधिकारी के पूर्वानुमति से ही हो। कंट्रोल रूम एवं शिकायत निवारण सेल की स्थापना करें। निर्वाचन की महत्वपूर्ण घटनाओं की वीडियोग्राफी जरूर करवायें।
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शपथ पत्र में उम्मीदवारों को पंचायत एवं शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की देनी होगी जानकारी
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022 के तहत पंच, सरपंच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों को नाम निर्देशन पत्र के साथ निर्धारित प्रारूप में शपथ एवं सार पत्र में पंचायत एवं शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी देनी होगी।
आयोग द्वारा जारी आदेशानुसार शपथ पत्र में उम्मीदवार की सामान्य जानकारी, सम्पर्क के नम्बर, परिवार तथा अन्य आश्रित सदस्यों का विवरण, पेन नम्बर तथा आयकर विवरणी फाईल करने की जानकारी, यदि कोई आपराधिक मामले हों तो उनकी जानकारी, स्वयं एवं परिवार के अन्य सदस्यों की चल तथा अचल सम्पत्ति का विवरण, बैंक एवं अन्य सार्वजनिक संस्थाओं की वित्तीय देनदारियों की जानकारी, पंचायत की कोई वसूली योग्य धनराशि हो तो उसका विवरण पंचायत अथवा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने की जानकारी तथा शैक्षणिक योग्यता का विवरण देना होगा।
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आम नागरिकों को लू से बचाव की सलाह
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
वर्तमान में तेज घूप एवं गर्म हवाए चलने से लू लगने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती है। वृद्ध, बच्चे, खिलाड़ी, धूप में काम करने वाले श्रमिक सर्वाधिक खतरे में रहते हैं। पसीना न आना, गर्म- लाल एवं शुष्कत्वचा, मतली, सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, उल्टियां होना, बेहोश हो जाना एवं पुतलियां छोटी हो जाना इसके प्रमुख लक्षण एवं संकेत हैं।
नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे गर्मी व लू से बचाव के लिए खूब पानी पिएं व खाली पेट न रहें, शराब व केफिन के सेवन से बचें, ठण्डे पानी से नहाएं, सर ढके व हल्के रंग के ढीले व पूरी बांह के कपड़े पहने, बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़े, दिन में 12 से 04 के मध्य बाहर जाने से बचें, धूप में नंगे पॉव न चलें, बहुत अधिक भारी कार्य न करें। ओआरएस का घोल, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, फलों का रस इत्यादि का सेवन लाभदायक होता है। ये सभी उपाय कर हम लू से बच सकते हैं।
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पशुओं को लू से बचाव के लिए पशुपालकों को सलाह
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारीयों ने गर्मी के मौसम में पशुओं को लू से बचाने के लिए सलाह जारी की है। गर्मी के मौसम में जब बाहरी वातावरण का तापमान अधिक हो जाता है तो ऐसी स्थिति में पशुओं को ज्यादा देर तक घूप में रखने से या गर्म हवा के झौंकों के सम्पर्क में आने पर लू लगने का खतरा रहता है।
गर्मी के मौसम में दुग्धोत्पादन एवं शारीरिक क्षमता बनाये रखने के लिये पशुओं को हरे चारे की अधिक मात्रा खिलाना चाहिये। पशुओं को हवादार पशु गृह अथवा छायादार वृक्ष के नीचे रखें, पशु गृह को ठण्डा रखने के लिये दीवारों के उपर जूट की टाट लटकाकर उस पर थोड़ी-थोड़ी देरे में पानी का छिड़काव करते रहना चाहियें, ताकि बाहर से आने वाली हवा में ठंडक बनी रहे। यथा संभव पंखे या कूलर का उपयोग करें। कम से कम 4 बार स्वच्छ एवं ठंडा जल पिलायें, साथ ही संतुलित आहार के साथ-साथ उचित मात्रा में मिनरल मिक्सचर देना चाहिये। भूसा गीला करके खिलाना चाहिये, पानी में नमक अवश्य दें ।
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हेपेटाइटिस से बचने के लिए एडवाइजरी जारी
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी बीमारी जो वायरल इंफेक्शन के कारण होती है। इस बीमारी में लीवर में सूजन आ जाती है, हेपेटाइटिस में पांच प्रकार के वायरस होते है। जिसमें हेपेटाइटिस ए.बी.सी.डी और ई इन पांचों वायरस को गंभीरता से लेना चाहिये। विभाग ने बताया कि आस-पास साफ-सफाई और हाइजिन प्रोटोकाल का पालन करके इस बीमारी को कमतर किया जा सकता है। इसके साथ ही जन्म के बाद बच्चों को हेपेटाइटिस की वैक्सीन लगाया जाना चाहिए। क्योंकि इनके कारण हेपेटाइटिस महामारी जैसी बनती जा रही है और हर साल इसकी वजह से होने वाली मृत्यु के आंकड़े भी बढ़ते जा रहें है।
हेपेटाइटिस का टाइप बी और सी लाखों लोंगो में क्रोनिक बीमारी का कारण बन रहें है, क्योंकि इनके कारण लीवर में सिरोसिस और कैंसर होते है। हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता पैदा करने और जन्म के बाद बच्चे को वैक्सीन देकर उसे हेपेटाइटिस से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस-सी, एचसीव्ही के कारण होता है और जैसे प्रदूषित खाना, प्रदूषित पानी के कारण भी होता है। हेपेटाइटिस के लक्षण पीलिया, बहुत अधिक थकान, पेट में दर्द, सूजन, खुजली, भूख न लगना, अचानक से वजन कम होना आदि लक्षण होने पर हेपेटाइटिस बी और सी की रोकथाम के संक्रमण को रोकने के लिये सभी शासकीय संस्थाओं पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये। हेपेटाइटिस के लक्षण होने पर जिला चिकित्सालय में निःशुल्क जांच एवं उपचार लें, जिससे इस बीमारी से बचा जा सकता है।
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चिकनपॉक्स और मंकीपॉक्स बीमारी में आइसोलेट किया जाना जरुरी
सीहोर,06 जून,2022
एमपी मीडिया पॉइंट
स्वास्थ्य आयुक्त-सह-सचिव डॉ. सुदाम खाड़े ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को चिकनपॉक्स की रोकथाम और उपचार के संबंध में जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। स्वास्थ्य आयुक्त ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि चिकनपॉक्स के लक्षण, संचरण, जटिलताएँ, रोकथाम और उपचार के लिये एडवाइजरी बनाई गई है। एडवाइजरी अनुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
चिकनपॉक्स संक्रमित बीमारी है। यह बच्चों के साथ वयस्क और गर्भवती महिलाओं को भी संक्रमित कर सकती है। स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि चिकनपॉक्स व्हीजेडव्ही वायरस के संक्रमण से फैलती है। इस वायरस के संक्रमण के कारण शरीर में खुजली, दाने (रेश) और छाले के लक्षण प्रकट होते हैं। प्राय: शरीर में छाती, पीठ और चेहरे पर लाल दाने दिखाई देने लगते हैं और फिर सारे शरीर में दाने फैल जाते हैं। शरीर में वायरस के संक्रमण के बाद औसतन उदभवन काल 10 से 20 दिन का होता है। वयस्कों में शरीर के अंगों पर दाने उभरने से पहले हल्का बुखार अथवा बैचेनी के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। बच्चों में शरीर पर दाने ज्यादातर बीमारी का पहला संकेत हो सकता है।
चिकनपॉक्स वायरस का संक्रमण लगभग 4 से 7 दिनों तक रहता है। चिकनपॉक्स के प्रमुख लक्षणों में शरीर पर दाने प्रकट होते हैं, जो खुजली पैदा करते हैं और बाद में फफोले में बदल जाते हैं तथा सूखने के बाद पपड़ी में बदल जाते हैं। फफोले के सूखने में लगभग एक सप्ताह लगता है। जिन बच्चों, किशोर, वयस्क और गर्भवती महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उन्हें अधिक खतरा बना रहता है और अधिक जटिलताएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। शरीर पर दाने उभरने में लगभग एक से दो दिन पहले बुखार, थकान, भूख में कमी तथा सिर में दर्द आदि के लक्षण प्रकट होते हैं। किसी भी व्यक्ति को कभी भी चिकनपॉक्स हो सकता है, चाहे उसे कभी संक्रमण नहीं हुआ है अथवा चिकनपॉक्स का टीकाकरण हुआ हो।
चिकनपॉक्स बीमारी के प्रसार के संबंध में बताया गया है कि चिकनपॉक्स वायरस त्वचा पर उभरे दानों और घाव के तरल पदार्थ को छूने, संक्रमित व्यक्ति के साँस लेने-छोड़ने और संक्रमित व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आने से फैलता है। चिकनपॉक्स से वयस्कों में वायरस के कारण निमोनिया, वायरल निमोनिया, बच्चों में त्वचा संबंधी बीमारी की समस्याएँ, रक्तस्त्राव की समस्याएँ और अन्य वैक्टीरियल इन्फेक्शन आदि की जटिलताएँ हो सकती हैं। चिकनपॉक्स की रोकथाम और उपचार के लिये सबसे अच्छा उपाय चिकनपॉक्स का पूर्ण डोज टीकाकरण है। प्राय: टीका लगवा चुके अधिकांश व्यक्तियों में चिकनपॉक्स का संक्रमण नहीं होता है और यदि चिकनपॉक्स हो भी जाये, तो बीमारी का प्रभाव कम रहता है। व्हीजेडव्ही वायरस को अन्य दूसरे व्यक्तियों तक फैलने और त्वचा के संक्रमण को रोकने के लिये नाखूनों को छोटा रखें और प्रयास करें कि खुजली और खरोंचना कम हो। यदि दाने, घाव अथवा छाले को आपने खरोंच लिया है, तो अपने हाथों को तत्काल साबुन से 20 सेकेण्ड तक धोएँ। त्वचा संक्रमण रोकने के लिये संक्रमणरोधी लोशन का उपयोग करें।
बुखार, थकान, भूख में कमी, सिर दर्द आदि लक्षण प्रकट हों, तो चिकित्सीय परामर्श लें। शरीर में खुजली से राहत के लिये नीम की पत्तियाँ पानी में डालकर ठंडे पानी से स्नान करें। मरीज को हवादार कमरे में रखें और सूती कपड़े पहनाएँ, जिससे शरीर में जलन नहीं हो। मरीज को हो सके तो आइसोलेशन में रखें, जिससे अन्य स्वस्थ व्यक्तियों में संक्रमण न फैले, मरीज के पास साफ-सफाई का ध्यान रखें। मरीज को ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक तरल पदार्थ, दलिया और स्वच्छ पानी का सेवन करायें। चिकनपॉक्स की पुष्टि के लिये मरीज को चिकित्सक अथवा प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारी को अवश्य दिखायें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा गया है कि फीवर विथ रेशेस के प्रकरणों की जानकारी आईएचआईपी प्लेटफार्म के पी फार्म में दर्ज करें। एक ही परिवार अथवा क्षेत्र से आये एक से अधिक प्रकरणों को आउट ब्रेक की श्रेणी में रखकर आईएचआईपी प्लेटफार्म पर इवेंट एण्ड आउट ब्रेक में दर्ज करें। स्वास्थ्य दल द्वारा प्रभावित क्षेत्र में एक्टिव केस सर्च का सर्वे करवायें। सर्वे के दौरान पाये गये संभावित संक्रमित के परिवार को उचित स्वास्थ्य शिक्षा दी जाये और आवश्यकता अनुसार औषधियाँ उपलब्ध कराई जायें।
चिकनपॉक्स के पाये गये प्रकरण और प्रभावित क्षेत्र में कॉम्बैट दल द्वारा भ्रमण कर आवश्यकता अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। जिला सर्विलेंस अधिकारी के नेतृत्व में रेपिड रिस्पांस टीम को सक्रिय रखें और नियमित स्थिति की समीक्षा की जाये। जिला एपीडिमियोलॉजिस्ट, जिला माइक्रोबायोलॉजिस्ट, जिला डाटा मैनेजर द्वारा चिकनपॉक्स के प्रकरण और प्रभावित क्षेत्र से सतत निगरानी एवं रिपोर्टिंग की जाये। रोकथाम और उपचार के संबंध में की जाने वाली गतिविधियों का रिकॉर्ड संधारित करें और आईएचआईपी प्लेटफार्म पर प्रकरण का फॉलोअप अपडेट करें।